भारत में पहली बार UG माइनर प्रोग्राम इन क्वांटम टेक्नोलॉजीज की शुरुआत
अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (AICTE) और राष्ट्रीय क्वांटम मिशन (NQM) ने भारत का पहला स्नातक (UG) माइनर प्रोग्राम इन क्वांटम टेक्नोलॉजीज शुरू किया है। यह कार्यक्रम अगले शैक्षणिक सत्र से इंजीनियरिंग के तीसरे और चौथे सेमेस्टर के छात्रों के लिए उपलब्ध होगा। इस पहल का उद्देश्य क्वांटम कंप्यूटिंग और संबंधित क्षेत्रों में कुशल कार्यबल तैयार करना है, जो भारत के राष्ट्रीय क्वांटम मिशन के लक्ष्यों के साथ जुड़ा हुआ है।
कार्यक्रम का परिचय
इस UG माइनर प्रोग्राम के तहत, इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी के छात्रों को क्वांटम मैकेनिक्स, क्वांटम कंप्यूटिंग, क्वांटम क्रिप्टोग्राफी, और क्वांटम एल्गोरिदम जैसे मुख्य विषयों का अध्ययन करने का अवसर मिलेगा। इसका उद्देश्य भारत को वैश्विक क्वांटम क्षेत्र में अग्रणी बनाना है, खासकर साइबर सुरक्षा, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) और हाई-परफॉर्मेंस कंप्यूटिंग जैसे क्षेत्रों में।
पाठ्यक्रम की संरचना और लचीलापन
- क्रेडिट और पाठ्यक्रम: छात्रों को 30 से अधिक पाठ्यक्रमों में से 18 क्रेडिट चुनने का विकल्प मिलेगा, जिससे उन्हें अपनी प्राथमिकताओं के अनुसार पाठ्यक्रम को अनुकूलित करने की सुविधा मिलेगी।
- मुख्य फोकस क्षेत्र:
- क्वांटम कंप्यूटेशन
- क्वांटम कम्युनिकेशन
- क्वांटम सेंसिंग
- क्वांटम मैटेरियल्स
- सहयोगी संस्थान: पाठ्यक्रम को वैश्विक मानकों और उद्योग की मांगों के अनुरूप बनाने के लिए AICTE ने IITs, IIITs और NITs जैसे शीर्ष संस्थानों के साथ साझेदारी की है।
व्यावहारिक शिक्षा और फैकल्टी प्रशिक्षण
- हैंड्स-ऑन लर्निंग: छात्रों को क्वांटम सिमुलेटर और प्रोजेक्ट-आधारित गतिविधियों के माध्यम से व्यावहारिक अनुभव प्राप्त होगा।
- प्रयोगशालाएं: उन्नत क्वांटम प्रयोगशालाएं स्थापित की जाएंगी, जो छात्रों को शोध और अनुप्रयोग में कुशल बनाएंगी।
- फैकल्टी विकास कार्यक्रम (FDP): AICTE शिक्षकों को क्वांटम टेक्नोलॉजीज में प्रशिक्षित करने के लिए विशेष कार्यक्रम संचालित करेगा, जिससे गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित की जा सके।
अवसंरचना और राष्ट्रीय दृष्टिकोण
यह कार्यक्रम राष्ट्रीय क्वांटम मिशन (NQM) के उद्देश्यों के साथ संरेखित है और अवसंरचना विकास और शिक्षक प्रशिक्षण जैसी चुनौतियों का समाधान करता है। शैक्षणिक और औद्योगिक संबंधों को मजबूत करके, यह रोजगार क्षमता, नवाचार और शोध क्षमताओं को बढ़ावा देगा। यह पहल भारत के क्वांटम विज्ञान महत्वाकांक्षाओं को आगे बढ़ाने और इसकी वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता को मजबूत करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।
मुख्य बिंदुओं का सारांश
मुख्य बिंदु | विवरण |
---|---|
खबर में क्यों? | AICTE और NQM ने भारत का पहला UG माइनर प्रोग्राम इन क्वांटम टेक्नोलॉजीज लॉन्च किया। |
फोकस क्षेत्र | क्वांटम कंप्यूटेशन, क्वांटम कम्युनिकेशन, क्वांटम सेंसिंग, और क्वांटम मैटेरियल्स। |
सहयोगी संस्थान | IITs, IIITs, और NITs ने पाठ्यक्रम डिजाइन और क्रियान्वयन में भाग लिया। |
क्रेडिट और पाठ्यक्रम | 30 पाठ्यक्रमों में से 18 क्रेडिट का चयन करने का विकल्प। |
हैंड्स-ऑन लर्निंग | क्वांटम सिमुलेटर और प्रोजेक्ट-आधारित शिक्षा के साथ व्यावहारिक अनुभव। |
अवसंरचना विकास | शोध और व्यावहारिक उद्देश्यों के लिए उन्नत क्वांटम प्रयोगशालाएं स्थापित होंगी। |
फैकल्टी प्रशिक्षण | शिक्षकों को क्वांटम टेक्नोलॉजीज में प्रशिक्षित करने के लिए FDP। |
राष्ट्रीय दृष्टिकोण | भारत के क्वांटम विज्ञान के लक्ष्यों को बढ़ावा देना और वैश्विक प्रतिस्पर्धा में मजबूती। |
India Launches UG Minor Programme in Quantum Technologies
India’s first Undergraduate (UG) Minor Programme in Quantum Technologies, jointly introduced by the All India Council for Technical Education (AICTE) and the National Quantum Mission (NQM), is set to begin from the next academic session. This programme is specifically designed for engineering students in their third and fourth semesters and aims to build a skilled workforce in quantum computing and related domains, aligning with India’s National Quantum Mission objectives.
Programme Highlights
This UG Minor Programme offers engineering and technology students an opportunity to specialize in quantum technologies. It covers fundamental areas such as quantum mechanics, quantum computing, quantum cryptography, and quantum algorithms, aiming to position India as a global leader in fields like cybersecurity, artificial intelligence (AI), and high-performance computing.
Curriculum Structure and Flexibility
- Credits and Courses: Students can choose 18 credits from over 30 available courses, allowing them to tailor the programme based on their interests.
- Core Focus Areas:
- Quantum Computation
- Quantum Communication
- Quantum Sensing
- Quantum Materials
- Collaborating Institutes: Top-tier institutions like IITs, IIITs, and NITs are involved in designing and implementing the curriculum to ensure it meets global standards and industry demands.
Hands-on Learning and Faculty Development
- Practical Exposure: The programme emphasizes experiential learning through quantum simulators, project-based activities, and hands-on training.
- Advanced Laboratories: State-of-the-art quantum labs will be established to enhance research capabilities and provide practical insights.
- Faculty Training Programmes (FDPs): AICTE will organize FDPs to train educators in quantum technologies, ensuring they are well-equipped to deliver high-quality education.
Infrastructure and National Vision
The programme is aligned with the National Quantum Mission (NQM), addressing challenges like infrastructure development and teacher training. By fostering strong academic-industry linkages, the initiative aims to boost employability, innovation, and research potential. It is a significant step toward advancing India’s ambitions in quantum science and strengthening its global standing in this cutting-edge field.
Key Points Summary
Aspect | Details |
---|---|
Why in News? | AICTE and NQM launched India’s first UG Minor Programme in Quantum Technologies. |
Focus Areas | Quantum Computation, Quantum Communication, Quantum Sensing, Quantum Materials. |
Collaborating Institutes | IITs, IIITs, and NITs partnered for curriculum design and implementation. |
Credits and Courses | Students can select 18 credits from over 30 courses. |
Hands-on Learning | Practical exposure through simulators and project-based education. |
Infrastructure Development | Advanced quantum labs to support research and practical learning. |
Faculty Training | FDPs to equip educators with expertise in quantum technologies. |
National Vision | Strengthening India’s position in quantum science and global competitiveness. |